सोमवार, 17 दिसंबर 2012

सितम्बर में होनेवाले विश्व हिंदी सम्मेलन के उपलक्ष्य में हिंदीके सम्मुख 14 मुख्य सवाल


हिंदीके सम्मुख 14 मुख्य सवाल --
सेक्शन 1 – आधुनिक उपकरणोंमें हिंदी
1. हिंदी लिपिको सर्वाधिक खतरा -- अगले 10 वर्षोंमें मृतप्राय होनेका डर
2. संगणक पर,  मोबाइलपर, निकट भविष्यमें बननेवाले ऐसे कितनेही  उपकरणोंपर कहाँ है हिंदी
3. विकिपीडिया जो धीरे धीरे विश्वज्ञानकोषका  रूप ले रहा है, उसपर  कहाँ है हिंदी
सेक्शन –2 जनमानसमें 
4. कैसे बने राष्ट्रभाषा
5. लोकभाषाएँ  सहेलियाँ बनें या दुर्बल करें -- भारतमें 6000 से आधिक और हिंदीकी 3000 से अधिक बोलीभाषाएँ हैं, जो हमारे देशके लिये गर्व हैं फिर भी....
6. अंग्रेजीकी तुलनामें तेजीसे घटता लोकविश्वास
सेक्शन – 3 सरकारमें
7. हिंदीके प्रति सरकारी व्हिजन क्या है
8. सरकारमें कौन कौन विभाग हैं जिम्मेदार,  उनमें क्या है कोऑर्डिनेशन,  वे कैसे तय करते हैं उद्दिष्ट और  कैसे नापते हैं सफलताको
9. विभिन्न सरकारी समितियोंकी  शिफारिशोंका आगे क्या होता है 
सेक्शन 4 -- साहित्य जगतमें --
10. ललित साहित्य के अलावा बाकी कहाँ है हिंदी साहित्य -- विज्ञान, भूगोल, कॉमर्स, कानून व विधी, बँक और व्यापारका व्यवहार, डॉक्टर और इंजीनिअर्सकी पढाईका स्कोप क्या है । 
11. ललित साहित्यमें भी वह सर्वस्पर्शी लेखन कहाँ है जो एक्सोडस जैसे नॉवेल या रिचर्ड बाखके लेखनमें है। 
12. भाषा बचानेसेही संस्कृति बचती है -- क्या हमें अपनी संस्कृती चाहिये । दूसरी ओर क्या हमारी आजकी भाषा हमारी संस्कृतिको व्यक्त कर रही है। 
13. युवा पीढी क्या कहती है भाषाके मुद्देपर -- कौन सुन रहा है युवा पीढीको। 
14. आघुनिक मल्टिमीडिया संसाधनोंका प्रभावी उपयोग हिंदी और खासकर बालसाहित्यके लिये क्यों नही है
-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------





  • Harihar Sharma भारत की अनेक जन जातीय भाषाओं की लिपि नहीं है ! अंग्रेज शासनकाल में उनकी लिपि रोमन बनाने का कुचक्र चला था ! जिसके दुष्परिणाम स्वरुप आज पूर्वांचल शेष भारत से प्रथक स्वर अलाप रहा है ! क्या ही अच्छा होता कि स्वतंत्र भारत में तो एसी जन जातीय भाषाओं की लिपि देव नागरी होती !
  • Devendra Nath Misra Aapke prashnon se hindi ke bhavihya ke liye bade mahatvapoorna sujhaav nikalte hain .In prashnon par Bharat Sarkar ke official language dept. ko hindi ke vidvanon ke saath mil kar bhasha ke vikas kee yojanaa banaani chahiye
  • Leena Mehendale देवेंद्रजी, वे तो शायद नही करेंगे। पर विभिन्न कॉलेजों, गोष्ठियोंमें ये उठते रहने चाहिये और प्रत्येक पर आनेवाले सुझाव इकठ्ठे किये जायें और राजभाषा विभाग के डायरेक्टर लेवलके ऊपर वाले सभीको एकत्रित बैठकके लिये बुलायें।
  • Devendra Nath Misra Ye ho sake to bahut achchhaa hai
  • Sheela Dongre · 2 mutual friends
    लीला मेह्न्दड़े मेम,,आप के द्वारा उठाये गए हिंदी के प्रश्नों को पड़ा ,,,सर्वप्रथम जानकारी प्रद सवालों को उठाने के लिए आप की आभारी हूँ.. अंग्रेजी का बढ़ता प्रभाव हिंदी को मारक साबित होता जा रहा है,, हाल ही में मेरे पास सम्पादन के लिए आई "बिखरी ओस की बुँद...See More
  • Mahavir Sanglikar · 169 mutual friends
    हिन्दी साहित्य, हिंदी लिपि खतरे में है, लेकिन हिन्दी भाषा को कोई खतरा नहीं है, बल्कि यह भाषा दुनिया भर में फैल रही है. हिन्दी साहित्य पर संस्कृत भाषा हावी हो चुकी है, इसीलिए हिन्दी साहित्य का कोई भविष्य नहीं है. इसकी लिपि को ही देखिये... जब सब भारतीय भ...See More
  • Leena Mehendale Mahavir Sanglikar --बडी भूल कर रहे हैं महावीरजी, यह खतरे भारत की हर भाषा, हर लिपी के लिये हैष आप चाहें तो मना लीजिये कि हिंदी मरनेवाली है लेकिन उसके बाद मराठीभी देखते देखते खतम हो दायगी -- आप थोडी देर अवश्य खुश हो लें।
  • Mahavir Sanglikar · 169 mutual friends
    मैने यह नहीं कहां कि हिंदी भाषा मरनेवाली है. में हिंदी लिपि और साहित्य की बात कर रहा हूं. आपको तो डार्विन का यह नियम मालूम ही है की जो समय के अनुसार बदलते हैं वही टिक पाते है. यह नियम यहां भी लागू होता हैं.
  • Mahavir Sanglikar · 169 mutual friends
    इसमे खुशी या नाखुशी की बात नहीं है. हमें फक्ट्स देखने चाहिए.
  • Mahavir Sanglikar · 169 mutual friends
    खेद की बात यह है हिन्दीप्रेमी लोग आज भी इस भाषा को धर्म, संस्कृति, देश जैसी बातों से अलग नहीं कर पा रहें है. अंगरेजी जैसी भाषा इन बातों के परे गयी हैं. आज समय आ गया है की हिन्दी को धर्मवादियों की चुंगल, संस्कृत प्रचुरता से छुडाया जाय.
  • Leena Mehendale Mahavir Sanglikar -- हिन्दी को धर्मवादियों की चुंगल, संस्कृत प्रचुरता से छुडाया जाय -- मैं तो कोई संस्कृत प्रचुरता आग्रह नही कर रही परन्तु जिसे वह भी सरल लगेगा वह तो संस्कृत प्रचुर बोलेगा ही।

सोमवार, 22 अक्तूबर 2012

District-wise Hindu Population in Pakistan 1998


District-wise Hindu Population in Pakistan
(Figures available  1998 Census)
Persons Total Population  2443614
N.W.F.P PROVINCE-7011PUNJAB PROVINCE-116410SINDH PROVINCE-2280842
    DISTRICTPERSONS    DISTRICTPERSONS    DISTRICTPERSONS
01CHITRAL0201ATTOCK19001JACOBABAD50693
02UPPER DIR2202RAWALPINDI43002SHIKARPUR15855
03LOWER DIR2403JHELUM20503LARKANA27321
04SWAT15804CHAKWAL16404SUKKUR29800
05SHANGLA1405SARGODHA14205GHOTKI64817
06BUNER38906BHAKKAR3306KHAIRPUR45452
07MALAKAND14207KHUSHAB16707NAUSHERO FEROZ14458
08KOHISTAN608MIANWALI12108NAWABSHAH30824
09MANSHERA7209FAISALABAD90309DADU34490
10BATGRAM11710JHANG11510HYDERABAD349167
11ABBOTABAD4011TOBA TEK SINGH19811BADIN226423
12HARIPUR3612GUJRANWALA11012THATTA32139
13MARDAN28313HAFIZABAD12613SANGHAR292687
14SWABI10614GUJRAT23814MIRPURKHAS296555
15CHARSADDA10415MANDI BAHAUDDIN30215UMERKOT315395
16PESHAWAR122416SIALKOT357716THARPARKAR369998
17NOWSHERA66617NAROWAL111817KARACHI
18KOHAT79818LAHORE160718      EAST14802
19HANGU15619KASUR211519      WEST 7637
20KARAK1020OKARA67020     SOUTH47003
21BANNU22021SHEIKHUPURA118521   CENTRAL4239
22LAKKI MARWAT822VIHARI34322     MALIR11087
23D.I.KHAN47123SAHIWAL261
24TANK2224PAK PATTAN77
25MULTAN1208
FATA AREA192126LODHRAN50
27KHANEWAL249
28D.G.KHAN340
29RAJANPUR526
30LAYYAH810
31MUZAFFARGARH1115
32BAHAWALPUR22606
33BAHAWALNAGAR1603
34RAHIM YAR KHAN73506
BALUCHISTAN PROVINCE   39146
01QUETTA417511KOHLU17121KHARAN780
02PISHIN4712DERA BUGTI139922LASBELA4504
03KILLA ABDULLAH17113JAFFARABAD652923KECH979
04CHAGAI194114NASIRABAD187524GAWADAR721
05LORALAI46615BOLAN446325PANJGUR457
06BARKHAN11716JHAL MAGSI1198
07KILLA SAIFULLAH317KALAT1657
08ZHOB10118MASTUNG1228
09SIBI287619KHUZDAR2962
10ZIARAT00020AWARAN295


---