विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नागरी प्रयोग
20 वीं सदी में आर्थिक विकास का आधार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी रहा । नवाचार एवं आविष्कारोन्मुखी प्रवृत्ति से समाज विकसित और अविकसित वर्गों में बँटने लगे । 21 वीं सदी में संज्ञानिकी का प्रबल प्रभाव है । लोक संस्कृति की संरक्षा की चिंता बढ़ने लगी है । प्रति वर्ष 2 प्रतिशत विश्व भाषाओं का लोप होता जा रहा है । प्रति वर्ष लगभग 60 लाख पृष्ठ विज्ञान शोध पत्रिकाओं में, और लगभग 165 लाख पृष्ठ विज्ञान पुस्तकों के रूप में प्रकाशित हो रहे हैं । आधुनिक विज्ञान नागरी में नगण्य है, परिणाम -
लोक व्यवहार में वैज्ञानिकता और नव नवीन सोच और प्रौद्योगिकी का अभाव, और सतत परमुखापेक्षी समाज । इसलिए प्राथमिकता हो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नागरी प्रयोग का संवर्धन ।
कतिपय सुझाव इस प्रकार हैं –
शिक्षा
- उच्च तकनीकी शिक्षा, जैसे AIIMS, IITK, IITD, IITB आदि के प्रथम वर्ष में ही आत्महत्या कर लेने वाले मेधावी किशोरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि । अपनी भाषा में उच्च शिक्षा की वंचना से विवश हुए आत्महत्या को, असंवेदनशील हैं शिक्षा प्रशासक और योजनाकार ।
- उच्च तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रम में प्रथम वर्ष की पढ़ाई हिन्दी, लोकभाषा, इंग्लिश में मिश्रित हो । लैब में सभी उपकरणों के नाम नागरी में भी लिखे जाएं । मिनी प्रोजेक्ट भारतीय भाषा में भी हो ।
- मैथ्स / आई टी ओलंपियाड की भांति नागरी ओलंपियाड आयोजित किए जाएं, प्रतियोगिताएं स्कूल , कॉलेज़ स्तर की और व्यावसायिक प्रयोग स्तर की हो सकती हैं । कैलीग्राफी, लिपि व्याकरण, मानक वर्तनी, लिप्यंतरण आदि पर प्रश्न हों ।
- नागरी लिपि ध्वन्यात्मक लिपि है । विज्ञान-सम्मत सर्वध्वनि-लिप्यंकण पाणिनी-सारणी का आधार है । वर्तनी मानकीकरण में पाणिनी-सारणी को ध्यान में रखा जाए ।
प्रैद्योगिकी
- नागरी लिपि पर आधारित फोनीकोड का विकास किया जाए । यूनीकोड ग्राफिम(रूपिम) आधारित है, फोनीकोड फोनिम (स्वनिम) आधारित है । अक्षर (सिलेबल) ध्वनि को कोडित करते हैं । भारत की विशिष्ट देन होगा ।
- नागरी लिपि के कम से कम दस सुंदर मानक ऑपेन टाइप फोंट व्यावसायिक प्रयोग के लिए भी मुफ्त, मुक्त ओपेन डोमेन में सर्वसुलभ कराए जाएं । यह जनहित में दूरगामी कदम होगा ।
- स्कूलों-कॉलेजों में नागरी OCR, Open Office, Library Info System, Accounting Software, School Management Software आदि उपलब्ध कराए जाएं। भारतीय भाषा कम्प्यूटिंग सुविधा अनिवार्य हो । कंप्यूटर की खरीद में नागरी की-बोर्ड और लोडित भारतीय भाषा सॉफ्टवेयर अनिवार्य हो ।
- नागरी टंकण के लिए INSCRIPT मानक, और लिप्यंतरण के लिए नागरी-रोमन मानक INSROT के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए ।
- वेब पर डोमेन नेम नागरी में भी स्वीकार्य हों । इनकी उपलब्धता को ICANN से स्वीकृति तो मिली है, लेकिन इसके प्रयोग प्रसार को भारत सरकार सुनिश्चित करे ।
- नागरी में कंटेट क्रियेशन और वेब सर्विस इंटीग्रेशन और XML आदि मानकों पर भी काम
किया जाए ।
प्रयोग
- राज्य स्तर की पर्यटन सूचनाएं नागरी लिपि में भी हों, क्योंकि धर्म स्थलों और पुरातत्व अवशेषों को देखने जन सामान्य पर्यटक पूरे देश से आते हैं ।
- शिक्षा में भारतीय भाषाओं और लिपि के प्रयोग संवर्धन की दिशा में विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है । सभी सरकारी विभागों और इनके सभी प्रतिष्ठानों में हिन्दी में वेबसाइट पर कंटेंट अद्यतन किए जाने की समय समय पर समीक्षा हो ।
- ज्ञान पूर्ति के लिए अनुवाद आवश्यक है, लेकिन सरकारी कार्यालयों में वर्तमान अनुवाद विधा ने हास्यस्पद स्थिति मे ला खड़ा किया है । प्रस्तावित है अनुसृजन विधा जो पाठक- केन्द्रित है, सुबोध और नवाचार प्रेरक है ।
- निगरानी के लिए एक स्वतंत्र समीक्षा संस्था बनाई जाए जो लक्ष्य और दयित्व निर्धारित करे, और समय समय पर नागरी प्रयोग स्थिति, प्रसार कार्यक्रमों के प्रभाव (इम्पेक्ट), और प्रयोग-प्रसार की समस्याओं पर सर्वे कर परिणाम प्रकाशित करे, तथा केन्द्रीय एवं राज्य सरकार में नीति अनुपालन के लिए दबाब डाले ।
लक्ष्य
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दायित्व
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उच्च तकनीकी शिक्षा में पाठ्यक्रम में प्रथम वर्ष की पढ़ाई हिन्दी-इंग्लिश मिश्रित भाषा में हो । नागरी ओलंपियाड, वर्तनी मानकीकरण ...
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मानव संसाधन विभाग, UGC, AICTE, MCI, PCI, आदि तथा राज्यों के शिक्षा विभाग
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सरकारी अनुदान से विकसित फोंट, सॉफ्टवेयर आदि सूचना प्रौद्यिगिकी व्यावसायिक स्तर भी जन हित में प्रयोग की जा सके। 24x7 हेल्पलाइन हो। डोमेन नेम नागरी में हो । फोनीकोड का विकास हो। मानकओं का अनुपालन हो ।
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सूचना प्रौद्योगिकी विभाग
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राजकीय कार्यालयों, स्कूलों, तकनीकी संस्थानों में कंप्यूटर, “आकाश” टेब्लेट की खरीद में नागरी की-बोर्ड एवं हिन्दी सॉफ्टवेयर पूर्व लोडित अनिवार्य हो ।
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सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, मानव संसाधन विभाग
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अनुसृजन विधा से विज्ञान-प्रौद्योगिकी ज्ञान सर्जन उपादेय हो। विषय विशेषज्ञों के द्वारा हो। ACR में भी इसका विशेष उल्लेख हो।
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DST, DBT, DIT, DOT, DES, DoEF, MHRD और अंतर्गत प्रतिष्ठानों के सभी वैज्ञानिकों का
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स्टॉफ सेलेक्शन में INSCRIPT आधारी टंकण दक्षता अनिवार्य हो ।
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SSC, DOL
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पर्यटन स्थलों के नाम संकेत और दुकानों के विज्ञापन पटों पर जगह जानकारी नागरी में हो।
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सभी राज्यों के पर्यटन विभाग
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एयरलाइन व राजधानी आदि में नागरी परिचय और संक्षिप्त सुबोध पर्यटन परिचय राजभाषा हिन्दी में हो।
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नागर विमानन विभाग, रेल विभाग
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लक्ष्य एवं दायित्व निर्धारण, तथा राजकीय कार्यों और दायित्वों की समीक्षा एवं अनुपालन सम्मत कार्यवाही
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राजभाषा विभाग
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स्वतंत्र सर्वे एवं सघन समीक्षा
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गैर-सरकारी संस्था संघ
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